प्रियाकांत जू गौशाला सेवायें
अनादिकाल से गाय का लौकिक और पारमर्थिक क्षेत्र में महत्व रहा है, इसलिए गाय को विश्व की माता के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है। ‘गावो विश्वस्य मातर:’ गाय के शरीर में 33 करोड़ देवताओं का अधिवास रहता है। गाय परम पूज्नीय है। भगवान का धराधाम पर अवतरण गौ रक्षा के लिए होता है।
गाय के दूध में 16 प्रकार के मिनरल्स होते हैं. आयुर्वेद के अनुसार भी मां के दूध के बाद बच्चे के लिए गाय का दूध ही सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है. इस तरह गाय की मदद से ही बच्चे का पोषण होता है इसलिए गाय को मां का दर्जा दिया गया है.
गौ सेवा या गौ दान से व्यक्ति को अक्षय फल की प्राप्ति होती है और श्री कृष्ण का आशीर्वाद भी मिलता है। गौ माता को धन माना जाता है ऐसा इसलिए क्योंकि गौ माता में लक्ष्मी मां का भी वास होता है और लक्ष्मी मां धन की देवी हैं। ऐसे में गौ माता अमूल्य धन के बराबर हैं। इनका दान पंच महा दानों से भी सर्वश्रेष्ठ माना गया है।